Land Map Records Big Update | जमीन की सीमा पर कभी नहीं होगा विवाद, जानें भू अभिलेखों का बड़ा फैसला, दिए नए नियम
Land Map Records Big Update : भूमि मानचित्र रिकॉर्ड बड़ा अपडेट नमस्कार किसान मित्रों, जैसा कि हम जानते हैं, अगर हम राज्य पर नज़र डालें, तो संपत्ति के स्वामित्व और जमीन पर भाइयों और पड़ोसियों के बीच विवाद जारी हैं। और अगर हम देखें तो अधिकांश समय हमारे यहां भूमि के नक्शे सात बारा धारा के अनुसार उपलब्ध न होने के कारण राज्य में भूमि विवाद चलते रहते हैं और इसके कई मामले अदालतों में लंबित रहते हैं। भूमि की सीमाओं को लेकर कई विवाद उत्पन्न होते हैं।
इसलिए इस टकराव को बढ़ने से रोकने के लिए भू-अभिलेख विभाग ने हर सर्वेक्षण संख्या में नक्शे जोड़ने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इस निर्णय से अब वास्तविक किसान को यह पता चल सकेगा कि उसकी भूमि का स्वामित्व कितना है। इससे किसानों के बीच विवाद खत्म हो जाएंगे। तो आइये नीचे विस्तार से जानते हैं कि भू अभिलेख विभाग ने क्या निर्णय लिया है।
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भू अभिलेखों के इस निर्णय से क्या लाभ होगा?
Land Map Records Big Update : अब अगर हम इस पर गौर करें तो सभी भूमि अभिलेखों के साथ नक्शे संलग्न करने के निर्णय से निश्चित रूप से किसानों के बीच विवाद टलेंगे। इसके अलावा, अगर आप जमीन खरीदना या बेचना चाहते हैं या बैंकों से किसी भी तरह का लोन लेना चाहते हैं, तो इस नए फैसले से लोन प्रक्रिया में भी काफी मदद मिलेगी।
इस निर्णय के अनुसार, शुरुआत में इस परियोजना को राज्य भर के बारह तालुकाओं में प्रयोग के तौर पर लागू किया जाएगा और फिर जल्द ही इस निर्णय के अनुसार इन भूमि मानचित्रों को राज्य भर के सभी किसानों के नंबरों से जोड़ दिया जाएगा।
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अब अगर हम इस तरह देखें तो अगर सात भाग में एक से अधिक खाताधारक हैं तो इन सभी खाताधारकों का लेखा-जोखा तैयार किया जाएगा। हालांकि, अगर हम इस तरह देखें तो इन उप-विषयों में यदि भूमि मालिक जमीन बेचना चाहता है तो उसे शेष खातेदारों की अनुमति लेनी होगी। वहीं, यदि भूमि की मापी की जानी है तो शेष सभी उप-शेयरधारकों की सहमति से भूमि की मापी करनी होगी।
और अगर हम देखें तो ऐसी जमीनों की खरीद-फरोख्त के दौरान कई विवाद उत्पन्न होते हैं, जो कोर्ट में दायर होते हैं, ऐसे ही छोटे-छोटे कारणों से जमीन की सीमाओं को लेकर विवाद उत्पन्न होते हैं।
नये मानचित्र बनाये जायेंगे।
Land Map Records Big Update : अब भूमि अभिलेख विभाग ने यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है और अब इसके अनुसार राज्य के बारह तालुकाओं में प्रत्येक गांव के लिए प्रत्येक व्यक्ति का एक नया हिस्सा, प्रत्येक गांव के अनुसार तैयार किया जाएगा और साथ ही उनकी जमीन का एक नया नक्शा तैयार किया जाएगा और इन नक्शों को उनके सर्वेक्षण नंबर में जोड़ा जाएगा। अब, यदि हम इस पर गौर करें, तो प्रत्येक सर्वेक्षण संख्या
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ये नये मानचित्र प्रत्येक सर्वेक्षण संख्या के प्रत्येक व्यक्ति का सर्वेक्षण करके तथा भूमि की माप करके तैयार किये जायेंगे। इससे नये नक्शे तैयार होंगे और उनके साथ नये नक्शे भी उपलब्ध कराये जायेंगे। अब अगर हम इस पर गौर करें तो भूमि सीमा के आधार पर या भूमि खरीदने और बेचने के समय कोई विवाद नहीं होगा, क्योंकि सातबारा के लिए भूमि सीमा मानचित्र ही नहीं बनेंगे। इसके साथ ही सातबारा पर अन्य भूमि धारकों या खातेदारों की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी, जिससे विवाद भी नहीं होंगे।
अब देखा जाए तो यह प्रयोग पहले राज्य के बारह तालुकाओं में किया जाएगा और उसके बाद पूरे राज्य में इस निर्णय को लागू किया जाएगा। और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस निर्णय से एक ही पते पर स्थित कई खाताधारकों के खातों के बंटवारे के कारण किसी भी सरकारी कार्य या भूमि खरीद-फरोख्त में असुविधा नहीं होगी।
भूमि सीमा मानचित्र क्यों महत्वपूर्ण हैं?
Land Map Records Big Update :अब जब कोई भूस्वामी अपनी जमीन बेचने का फैसला करता है और अगर वह इसे बेचना चाहता है, तो उसे सभी सात या बारह खातेदारों से अनुमति लेनी पड़ती है और साथ ही, अगर जमीन की पैमाइश करनी है, तो इन सभी खातेदारों की सहमति आवश्यक है और इसके कारण, खरीद और बिक्री प्रक्रिया में कई प्रतिबंध पैदा होते हैं और इसके कारण विवाद उत्पन्न होते हैं और कई मामले कोर्ट में जाते हैं। अब इस नए नियम से खरीद-बिक्री के दौरान बांध पर कोई विवाद नहीं होगा, क्योंकि उसी समय नए नक्शे भी होंगे।